Urine Infection ke lie ghareloo upachaar (UTI) एक आम समस्या है, खासकर महिलाओं में, जिसमें पेशाब करते समय जलन, दर्द और बार-बार पेशाब आने जैसी तकलीफें होती हैं। इसका मुख्य कारण बैक्टीरिया का मूत्र मार्ग में प्रवेश करना होता है, जो संक्रमण पैदा करता है। समय पर इलाज न होने पर यह किडनी तक भी पहुंच सकता है।
हालांकि डॉक्टरी इलाज जरूरी है, लेकिन शुरुआत में या हल्के संक्रमण में दादी माँ के घरेलू नुस्खे बेहद असरदार साबित हो सकते हैं। ये नुस्खे प्राकृतिक तत्वों से बने होते हैं, जिनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं।
2. यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण
पेशाब करते समय जलन या दर्द
बार-बार पेशाब आने की इच्छा
पेशाब का बदबूदार या गाढ़ा रंग
पेट के निचले हिस्से में दर्द
हल्का बुखार या थकावट
3. दादी माँ के 7 असरदार घरेलू नुस्खे
1. धनिया पानी
बनाने का तरीका: 1 चमच साबुत धनिया रातभर एक गिलास पानी में भिगो दें और सुबह छानकर पी लें।
कैसे और कब पिएं: सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएं।
2. बेकिंग सोडा का पानी
आधा चम्मच बेकिंग सोडा एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक बार लें। यह शरीर के pH लेवल को बैलेंस करता है।
3. गुड़ और सौंफ
थोड़ी सी सौंफ और गुड़ मिलाकर दिन में दो बार चबाएं। यह पाचन सुधारता है और बैक्टीरिया को खत्म करता है।
4. नारियल पानी
दिन में 1–2 बार नारियल पानी पिएं। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और मूत्राशय को डिटॉक्स करता है।
5. तुलसी के पत्ते
5–6 तुलसी पत्ते चबाएं या उनका रस निकालकर शहद के साथ लें। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
6. आंवला और शहद
1 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार लें। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है।
7. छाछ और काली मिर्च
एक गिलास छाछ में चुटकी भर काली मिर्च मिलाकर रोजाना पिएं। यह पेट की गर्मी को कम करता है और जलन से राहत दिलाता है।
4. जरूरी सावधानियां
दिन में 8–10 गिलास पानी पिएं
पेशाब को ज्यादा देर तक न रोकें
साफ-सुथरे कॉटन अंडरवियर पहनें
तेज मसाले और तला-भुना खाना कम करें
टॉयलेट के बाद साफ-सफाई का ध्यान रखें
5. कब डॉक्टर से मिलें?
अगर 2–3 दिन में आराम न मिले
पेशाब में खून आए
तेज बुखार, उल्टी या कमजोरी लगे
ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पानी की मात्रा बढ़ाएँ: दिन भर खूब पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और संक्रमण कम होने में मदद मिलती है।
नारियल पानी का सेवन: नारियल पानी में प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मूत्र मार्ग को साफ रखने में सहायक होते हैं।
क्रैनबेरी जूस: यह बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रैक की दीवारों से चिपकने से रोकता है और संक्रमण की संभावना को कम करता है।
सेब का सिरका: हल्के गर्म पानी में थोड़ा सेब का सिरका मिलाकर पीने से पेशाब में जलन से राहत मिल सकती है।
आंवला और इलायची: आंवले का चूर्ण और इलायची मिलाकर सेवन करने से संक्रमण में आराम मिलता है।
गेहूं और मिश्री: रातभर भिगोए हुए गेहूं को सुबह मिश्री मिलाकर खाने से भी राहत मिल सकती है।
चावल का मांड (पानी): इसे पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और जलन में आराम आता है।
त्रिफला, जीरा और धनिया का काढ़ा: इन तीनों को उबालकर बनाए गए काढ़े का सेवन संक्रमण को कम करने में सहायक हो सकता है।
करेले का रस: करेले का कड़वा रस पेशाब की जलन को कम करने में मदद करता है।

मुख्य धयान देने वाली बात
दादी माँ के घरेलू नुस्खे प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावशाली होते हैं। नियमित रूप से इनका पालन कर संक्रमण से बचा जा सकता है। लेकिन अगर लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।