आज के इस टॉपिक में हम जानेंगे कि ‘immunity power kaise badhaye ’। यह प्रकृति का नियम है जो हर जीव-जंतु पर लागू होता है चाहे वह आदमी हो, औरत हो, पशु-पक्षी या कोई अन्य जीव। जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दूं कि immunity power आखिर क्या होती है और इसे बढ़ाना क्यों जरूरी है।
इम्यूनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर की वह प्रणाली है जो हमें बाहरी बैक्टीरिया, वायरस और अन्य बीमारियों से बचाती है। हमारे शरीर में यह सुरक्षा प्रणाली हमें स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने में मदद करती है। इसलिए इम्यूनिटी को मजबूत रखना बेहद आवश्यक है। अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो एक छोटी सी छोटी बीमारी भी आपको बेड रेस्ट लेने पर मजबूर कर देगी
immunity powerful होने के क्या फायदे होते हैं
इम्यूनिटी वह प्रणाली है जो हमारे शरीर को बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक चीज़ों से बचाती है। यह शरीर की रक्षा करती है ताकि हम बीमार न पड़ें। मजबूत इम्यूनिटी से शरीर जल्दी ठीक होता है और बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है।
- इम्यूनिटी शरीर की सुरक्षा प्रणाली है जो हमें संक्रमण से बचाती है और स्वस्थ रखती है।
- इम्यूनिटी हमारे शरीर की ताकत है जो वायरस और बैक्टीरिया से लड़ती है।
- मजबूत इम्यूनिटी से हम जल्दी स्वस्थ होते हैं और बीमारियों से बचाव होता है।
- इम्यूनिटी हमारे शरीर की फौज की तरह है जो हमें बीमारियों से बचाती है।
- इम्यून सिस्टम शरीर को स्वस्थ और रोग-मुक्त रखने में मदद करता है।
immunity system कमजोर है तो इससे क्या नुकसान हो सकते हैं
अगर हमारे शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होगी तो हम आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। छोटी-छोटी संक्रमण जैसे सर्दी, खांसी जल्दी फैल जाती है। शरीर ठीक होने में देर लगती है और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कमजोर इम्यूनिटी से शरीर की सुरक्षा कम हो जाती है। आपने इस बात को काफी बार सुना होगा कि कोई भी दवा असर नहीं कर रही है करण यही होता है इम्यूनिटी कमजोर
immunity system कमजोर के क्या लक्षण होते हैं
जब शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, तो यह कई तरह के संकेत देता है जिनसे हमें पता चलता है कि हमारी सुरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही। सबसे आम लक्षणों में बार-बार सर्दी, खांसी और जुकाम आना शामिल है। इसके अलावा, शरीर जल्दी थकावट महसूस करता है और चोट लगने पर घाव जल्दी नहीं भरते। अक्सर एलर्जी या त्वचा की समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। कुछ लोगों को बार-बार पेट दर्द या संक्रमण होने की शिकायत होती है। कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण शरीर संक्रमण से लड़ने में कमजोर पड़ जाता है, जिससे सामान्य बीमारियां भी गंभीर रूप ले लेती हैं। अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
अगर कमजोर है immunity kaise badhaye – घरेलू 20 नुस्खे
शरीर की Immunity Power Kaise Badhaye – घरेलू 20 नुस्खे
1. तुलसी का सेवन करें
तुलसी का सेवन क्यों
तुलसी (Holy Basil) एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है जिसे भारत में धार्मिक और औषधीय दोनों रूपों में पूजा जाता है। यह घरों में आसानी से उगने वाला पौधा है जिसकी पत्तियों में प्राकृतिक औषधीय गुण मौजूद होते हैं।
तुलसी का सेवन क्यों होता है फायदेमंद ?
तुलसी की पत्तियों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह शरीर के इम्यून सिस्टम को सक्रिय करता है और संक्रमण (infection) से लड़ने की ताकत देता है। खासकर सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार जैसी समस्याओं में यह बहुत प्रभावी होती है।
तुलसी -कैसे ठीक करता है या कैसे इस्तेमाल करें?
रोज़ सुबह खाली पेट 4–5 तुलसी के ताजे पत्ते चबाना सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। चाहें तो तुलसी की चाय बनाकर पी सकते हैं। लगातार सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और मौसमी बीमारियों से बचाव होता है।
2. नींबू और शहद पानी
नींबू और शहद का मिश्रण एक प्राकृतिक स्वास्थ्यवर्धक पेय है। गुनगुने पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद मिलाकर तैयार किया जाता है, जिसे अक्सर सुबह खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है।
क्यों होता है फायदेमंद?
नींबू विटामिन C का बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही, यह पेय शरीर को डिटॉक्सिफाई करने और पाचन क्रिया सुधारने में भी सहायक है।
कैसे ठीक करता है या कैसे इस्तेमाल करें?
रोज़ाना सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़ें और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। यह आदत धीरे-धीरे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है और आपको दिनभर तरोताजा रखती है।
3. हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध, जिसे “गोल्डन मिल्क” भी कहा जाता है, एक पारंपरिक आयुर्वेदिक पेय है। इसमें दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। यह खासकर सर्दियों में शरीर की ताकत बढ़ाने और सेहत सुधारने के लिए बहुत प्रचलित है।
क्यों होता है फायदेमंद?
हल्दी में करक्यूमिन नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जो शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) और एंटीऑक्सिडेंट गुण रखता है। यह शरीर को विषैले तत्वों (toxins) से मुक्त करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। साथ ही हल्दी वाला दूध नींद भी अच्छी लाने में मदद करता है।
कैसे ठीक करता है या कैसे इस्तेमाल करें?
रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर गर्म करके पीना चाहिए। इसे रोज़ाना पीने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और आप बीमारियों से जल्दी उबरते हैं।
4. लहसुन (Garlic) का सेवन
क्या है?
लहसुन, जिसे हिंदी में ‘रसोई का राजा’ भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक मसाला और औषधि है। इसका इस्तेमाल खाना पकाने में तो होता ही है, साथ ही इसे स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है।
क्यों होता है फायदेमंद?
लहसुन में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है। खासकर सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे रोगों से बचाव में लहसुन बहुत उपयोगी है।
कैसे ठीक करता है या कैसे सेवन करें?
रोजाना सुबह या शाम 1-2 कच्ची लहसुन की कलियां सीधे चबाकर या सलाद के साथ खाएं। अगर स्वाद ज्यादा तेज़ लगे तो इन्हें पकाकर भी खा सकते हैं। नियमित सेवन से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी और शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होगा।
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5. आंवला का रस
आंवला का रस
आंवला, जिसे भारतीय गोज़बेरी भी कहते हैं, विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट का समृद्ध स्रोत है। इसका रस प्राकृतिक तरीके से शरीर को ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है। आंवला का रस आयुर्वेद में खास तौर पर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्यों होता है फायदेमंद?
आंवले में मौजूद विटामिन C शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है और संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह शरीर को मुक्त कणों (free radicals) से बचाता है जो उम्र बढ़ने और बीमारियों का कारण होते हैं। नियमित आंवला सेवन से स्किन भी चमकदार और स्वस्थ रहती है।
कैसे ठीक करता है या कैसे इस्तेमाल करें?
रोज सुबह खाली पेट एक गिलास ताजा आंवला का रस पीना चाहिए। यदि ताजा आंवला न मिले तो बाजार में उपलब्ध शुद्ध आंवला जूस भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे लगातार पीने से आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में काफी सुधार होगा और आप स्वस्थ रहेंगे।
6. अदरक की चाय
अदरक की चाय
अदरक की चाय एक गर्म पेय है, जो अदरक की ताजी जड़ से बनती है। इसे आयुर्वेद और पारंपरिक घरेलू उपचारों में लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता है। अदरक की चाय स्वाद में तीखी और स्वास्थ्यवर्धक होती है।
क्यों होता है फायदेमंद?
अदरक में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो गले की खराश और सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। साथ ही, अदरक पाचन को भी बेहतर करता है और शरीर को गर्माहट प्रदान करता है।
कैसे ठीक करता है या कैसे इस्तेमाल करें?
रोजाना सुबह या शाम एक कप ताजी अदरक की चाय पीना फायदेमंद होता है। इसे बनाने के लिए ताजी अदरक के कुछ टुकड़े उबालकर उसमें शहद या नींबू मिला सकते हैं। नियमित सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और आप बीमारियों से बचते हैं।
7. हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे पालक, मेथी, सरसों आदि पोषण से भरपूर होती हैं। ये सब्ज़ियाँ विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
क्यों होती हैं फायदेमंद?
इन सब्ज़ियों में ज़िंक, आयरन, विटामिन C और फाइबर मौजूद होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। ज़िंक खासकर इम्यून सेल्स के निर्माण और कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही ये सब्ज़ियाँ शरीर की सफाई और पाचन में भी सहायक होती हैं।
कैसे ठीक करती हैं या कैसे सेवन करें?
रोज़ाना अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ शामिल करें। इन्हें सूप, सलाद या हल्का पकाकर खाया जा सकता है। नियमित सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है।
8. मौसमी फल खाएं
मौसमी फल खाएं
मौसमी फल वे फल होते हैं जो किसी विशेष मौसम में ताजे और आसानी से उपलब्ध होते हैं। जैसे गर्मियों में आम और तरबूज, सर्दियों में अमरूद और संतरा। ये फल न सिर्फ स्वादिष्ट होते हैं बल्कि शरीर के लिए बहुत फायदेमंद भी होते हैं।
क्यों होते हैं फायदेमंद?
मौसमी फलों में प्रचुर मात्रा में विटामिन C, विटामिन A, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं। जैसे संतरा और अमरूद से इम्यूनिटी बढ़ती है, पपीता पाचन में मदद करता है और आम विटामिन A से भरपूर होता है जो स्किन और आंखों के लिए अच्छा है। इनसे शरीर को प्राकृतिक पोषण मिलता है और बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।
कैसे सेवन करें?
हर दिन कम से कम एक या दो मौसमी फल अपने आहार में जरूर शामिल करें। इन्हें सुबह के नाश्ते में, सलाद के रूप में या बीच-बीच में स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है। नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और शरीर को फिट रखता है।
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9. पर्याप्त पानी पिएं
पर्याप्त पानी पिएं
पानी शरीर की सबसे ज़रूरी आवश्यकताओं में से एक है। यह न केवल प्यास बुझाता है, बल्कि शरीर की हर क्रिया — जैसे पाचन, तापमान नियंत्रण, और पोषक तत्वों का संचार — में अहम भूमिका निभाता है।
क्यों होता है फायदेमंद?
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर के अंदर जमा हानिकारक टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) बाहर निकलते हैं। इससे किडनी बेहतर काम करती है, स्किन हेल्दी रहती है और शरीर में एनर्जी बनी रहती है। पानी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में भी मदद करता है, क्योंकि एक हाइड्रेटेड शरीर बैक्टीरिया और वायरस से बेहतर लड़ पाता है।
कैसे सेवन करें?
हर दिन कम से कम 7-8 गिलास (लगभग 2-3 लीटर) पानी ज़रूर पिएं। गर्मियों में या ज़्यादा मेहनत वाले कामों के दौरान मात्रा और बढ़ाई जा सकती है। दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें और हर कुछ घंटे में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें।
10. योग और प्राणायाम करें
योग और प्राणायाम करें
योग और प्राणायाम प्राचीन भारतीय पद्धतियाँ हैं जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को संतुलित करती हैं। योग में शारीरिक मुद्राएँ (आसन), ध्यान और साँस लेने की तकनीकें शामिल होती हैं, जबकि प्राणायाम मुख्य रूप से साँस के नियंत्रण पर आधारित होता है।
क्यों होता है फायदेमंद?
योग और प्राणायाम करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है, जिससे इम्यून सिस्टम सक्रिय रहता है। प्राणायाम विशेष रूप से फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और सांस से जुड़ी बीमारियों (जैसे अस्थमा, एलर्जी) में राहत देता है। यह तनाव और चिंता को भी कम करता है, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।
कैसे करें?
हर दिन सुबह 20–30 मिनट योग और प्राणायाम करें। सरल आसन जैसे ताड़ासन, भुजंगासन के साथ अनुलोम-विलोम, कपालभाति जैसे प्राणायाम अपनाएं। नियमित अभ्यास से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
11. गिलोय का सेवन करें
गिलोय का सेवन करें
गिलोय एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे संस्कृत में अमृता कहा जाता है। यह एक बेल के रूप में उगती है और इसके तने और पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। गिलोय का रस, चूर्ण या कैप्सूल के रूप में सेवन किया जाता है।
क्यों होता है फायदेमंद?
गिलोय में एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। यह इम्यून सिस्टम को एक्टिव करता है और WBC (white blood cells) को मज़बूत करता है। गिलोय बुखार, डेंगू, वायरल इंफेक्शन और जुकाम जैसी बीमारियों में बहुत असरदार माना जाता है।
कैसे सेवन करें?
रोज सुबह खाली पेट गिलोय का रस (10–15 ml) पानी में मिलाकर पिएं या फिर डॉक्टर की सलाह से टैबलेट या चूर्ण का सेवन करें। नियमित सेवन से इम्यूनिटी में तेजी से सुधार होता है और शरीर बार-बार बीमार नहीं पड़ता।
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शिलाजीत और अश्वगंधा दोनों आयुर्वेद की बहुचर्चित औषधियाँ हैं। शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज राल है जो हिमालय की चट्टानों से निकलता है, जबकि अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है जो शरीर और मन दोनों को संतुलित करती है। ये दोनों पुरुषों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद मानी जाती हैं।
क्यों होते हैं फायदेमंद?
शिलाजीत में फुल्विक एसिड और मिनरल्स होते हैं जो शरीर की ताकत, stamina और इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होते हैं। वहीं अश्वगंधा तनाव को कम करती है, हार्मोन को संतुलित करती है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। ये दोनों शरीर को अंदर से मज़बूत बनाते हैं और थकावट दूर करते हैं।
कैसे सेवन करें?
रोज़ सुबह या रात को डॉक्टर की सलाह से शिलाजीत (चूर्ण या राल रूप में) और अश्वगंधा (चूर्ण या कैप्सूल) का सेवन करें। गुनगुने दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। नियमित सेवन से इम्यून सिस्टम के साथ-साथ शारीरिक शक्ति भी बढ़ती है।
13. मसालेदार काढ़ा पिएं
मसालेदार काढ़ा एक आयुर्वेदिक घरेलू पेय है जो कई औषधीय मसालों जैसे अदरक, तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी और लौंग से तैयार किया जाता है। यह काढ़ा न केवल शरीर को गर्म रखता है, बल्कि रोगों से लड़ने की ताकत भी देता है।
क्यों होता है फायदेमंद?
इन सभी मसालों में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। अदरक और काली मिर्च सर्दी-ज़ुकाम में राहत देते हैं, तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है, दालचीनी शरीर को detox करती है और लौंग गले की खराश को ठीक करती है। इस काढ़े के नियमित सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
कैसे सेवन करें?
एक कप पानी में थोड़ा-थोड़ा अदरक, 4-5 तुलसी पत्ते, 2 काली मिर्च, आधा इंच दालचीनी और 1 लौंग डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गर्म ही पिएं। इसे रोज़ सुबह या शाम को पीना लाभकारी होता है।
14. भोजन में हल्दी, दालचीनी और काली मिर्च का प्रयोग करें
हल्दी, दालचीनी और काली मिर्च भारतीय रसोई के आम मसाले हैं, लेकिन ये सिर्फ स्वाद के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। इन्हें अगर रोज़ के खाने में शामिल किया जाए, तो यह इम्यूनिटी को प्राकृतिक रूप से बढ़ा सकते हैं।
क्यों होते हैं फायदेमंद?
हल्दी में करक्यूमिन होता है जो शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर है। दालचीनी शरीर को detox करती है और ब्लड शुगर को संतुलित करती है। काली मिर्च पाचन को बेहतर करती है और हल्दी के पोषक तत्वों को शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करती है। ये तीनों मिलकर शरीर को अंदर से मज़बूत बनाते हैं।
कैसे सेवन करें?
रोज़ के भोजन में हल्दी और काली मिर्च डालें, सब्ज़ी या दाल में मिलाएं। दालचीनी को आप चाय, खिचड़ी या हल्के तड़के में उपयोग कर सकते हैं। चाहें तो इन्हें सूप या काढ़े में भी शामिल करें।
15. चीनी की जगह गुड़ का उपयोग करें
गुड़ एक प्राकृतिक मीठा पदार्थ है जो गन्ने के रस या खजूर से तैयार किया जाता है। यह चीनी का सेहतमंद विकल्प है और भारतीय रसोई में पुराने समय से उपयोग होता आ रहा है। इसके पोषक गुण इसे खास बनाते हैं।
क्यों होता है फायदेमंद?
गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं। यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने में मदद करता है और खून को साफ करता है। गुड़ आयरन से भरपूर होता है, जिससे खून की कमी दूर होती है और इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है। इसके अलावा यह पाचन में भी सहायता करता है और सर्दी-खांसी से राहत दिलाता है।
कैसे सेवन करें?
चीनी की जगह चाय, दूध या मिठाइयों में गुड़ का प्रयोग करें। खाना खाने के बाद थोड़ा गुड़ खाना पाचन के लिए फायदेमंद होता है। ध्यान रहे, अधिक मात्रा में सेवन न करें — संतुलित मात्रा ही लाभकारी है।
16. नियमित रूप से सूरज की रोशनी लें
सूरज की रोशनी हमारे शरीर के लिए प्राकृतिक Vitamin D का सबसे अच्छा स्रोत है। सुबह की हल्की धूप में कुछ मिनट बैठना या टहलना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह एक आसान और मुफ्त तरीका है इम्यूनिटी को बढ़ाने का।
क्यों होता है फायदेमंद?
Vitamin D शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं (WBCs) को सक्रिय करता है जो शरीर को संक्रमण से बचाती हैं। साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाता है और मूड को भी बेहतर करता है। धूप लेना डिप्रेशन और थकान को भी दूर करने में मदद करता है।
कैसे सेवन करें?
हर दिन सुबह 7 से 9 बजे के बीच कम से कम 15–20 मिनट तक धूप में जरूर बैठें या टहलें। सिर और हाथ-पैर खुले रखें ताकि त्वचा सूर्य के संपर्क में आ सके। विटामिन D सप्लीमेंट की जगह यह प्राकृतिक तरीका अपनाना ज्यादा फायदेमंद है।
17. जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड से बचें
जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड वे खाद्य पदार्थ होते हैं जो स्वाद में तो चटपटे लगते हैं, लेकिन इनमें पोषक तत्वों की भारी कमी होती है। जैसे – पिज़्ज़ा, बर्गर, चिप्स, पैकेज्ड स्नैक्स, केक, कोल्ड ड्रिंक्स आदि।
क्यों बचना ज़रूरी है?
इन फूड्स में ट्रांस फैट, रिफाइंड शुगर, सोडियम और केमिकल प्रिज़र्वेटिव्स अधिक होते हैं, जो शरीर में सूजन (inflammation) और मोटापा बढ़ाते हैं। इनसे इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे शरीर जल्दी बीमार पड़ता है। प्रोसेस्ड फूड्स पाचन तंत्र पर भी बुरा असर डालते हैं और लिवर व किडनी पर दबाव डालते हैं।
क्या करें?
जितना हो सके घर का बना ताज़ा और संतुलित खाना खाएं। फलों, सब्ज़ियों, दालों और साबुत अनाज को प्राथमिकता दें। बाहर का खाना हफ्ते में एक बार से ज़्यादा न खाएं और पैकेज्ड चीज़ों के लेबल पढ़कर ही सेवन करें।
18. नींद पूरी करें (7-8 घंटे)
नींद हमारे शरीर की प्राकृतिक रिकवरी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर और दिमाग दोनों आराम करते हैं। 7-8 घंटे की अच्छी नींद से शरीर अपने आप को स्वस्थ और तरोताजा बनाए रखता है।
क्यों होती है जरूरी?
नींद के दौरान शरीर में हार्मोन का स्राव होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। अच्छी नींद से तनाव कम होता है, सेल रिपेयर होता है और शरीर संक्रमणों से लड़ने के लिए तैयार रहता है। नींद की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें?
रोजाना एक ही समय पर सोने और जागने की कोशिश करें। सोने से पहले मोबाइल, टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूरी बनाएं। शांत और अंधेरे कमरे में सोएं, और यदि संभव हो तो सोने से पहले हल्का योग या ध्यान करें।
19. तनाव कम करें
तनाव यानी मानसिक और शारीरिक दबाव की स्थिति है जो हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में होती रहती है। अत्यधिक तनाव शरीर की कई प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है, खासकर इम्यून सिस्टम को।
क्यों होता है फायदेमंद?
जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन बढ़ जाता है, जो इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है। लगातार तनाव रहने से शरीर में सूजन बढ़ती है और रोगों से लड़ने की क्षमता घट जाती है। तनाव कम करने से हमारा मस्तिष्क और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम बेहतर काम करता है।
क्रिएटिनिन कम करने के घरेलू उपाय – नेचुरल तरीके से पाएं राहत
कैसे करें?
ध्यान (मेडिटेशन), प्राणायाम, योग, और गहरी सांस लेना तनाव कम करने के सबसे असरदार तरीके हैं। साथ ही, पर्याप्त नींद लेना, दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना, और मनोरंजन करना भी मददगार होता है। जरूरत पड़े तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना ठीक रहता है।
20. सेब या केला रोज़ खाएं
क्या है?
सेब और केला दोनों ही आसानी से मिलने वाले फल हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषण से भरपूर होते हैं। इन्हें रोजाना खाने से शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल्स और फाइबर मिलता है।
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