पायरिया के घरेलू इलाज नीम, हल्दी, लौंग फिटकरी,तुलसी,नींबू, और पालक, से मसूड़ों को मिलेगी राहत

पायरिया (Periodontitis) के इलाज के लिए कई असरदार घरेलू उपाय मौजूद हैं। मुखाये नीम, हल्दी, लौंग, फिटकरी और तुलसी जैसे प्राकृतिक है इन चीज़ें से मसूड़ों की सूजन कम करने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद मिलती हैं।
इनका पेस्ट बनाकर मसूड़ों पर लगाने या फिर आप पानी में डालकर कुल्ला करने से पायरिया के लक्षण धीरे-धीरे कम होते हैं और सांस की बदबू भी दूर होती है। आये इसे और भी विस्तार से समझते है मेरा नाम ऋतू यादव है और एक homeopathic doctor हु !
पायरिया क्या होता है?
पायरिया एक तरह की मसूड़ों की बीमारी है जिसमें मसूड़ों से खून आना, सूजन और बदबू होती है। यह आमतौर पर दांतों की सफाई न करने से होता है। समय पर इलाज न हो तो यह दांतों को ढीला कर देता है। पायरिया मसूड़ों की जड़ तक असर करता है। इससे सांसों में बदबू भी आने लगती है।
पायरिया के प्रकार
1. जिंजिवाइटिस – यह पायरिया की शुरुआती अवस्था होती है जिसमें केवल मसूड़े सूजते हैं।
2. क्रॉनिक पायरिया – यह लंबे समय तक रहने वाली पायरिया की स्थिति है जो धीरे-धीरे दांतों को कमजोर करती है।
3. एग्रेसिव पायरिया – यह जल्दी फैलने वाला पायरिया है जो कम उम्र में भी हो सकता है।
4. नेक्रोटाइजिंग पायरिया – यह गंभीर प्रकार होता है जिसमें मसूड़े और हड्डी दोनों प्रभावित होते हैं।
5. सिस्टेमिक पायरिया – यह शरीर की अन्य बीमारियों के कारण होता है जैसे डायबिटीज या दिल की बीमारी।
पायरिया होने के कारण
1. दांतों की सही सफाई न करना या ब्रश न करना।
2. मुंह में बैक्टीरिया और प्लाक का जमा होना।
3. धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करना।
4. विटामिन C की कमी या कमजोर इम्युनिटी।
5. हार्मोनल बदलाव, खासकर प्रेग्नेंसी में या मधुमेह जैसी बीमारियों में।
पायरिया से बचने के उपाय
1. दिन में दो बार ब्रश और निम् की दातुन करें: रोज सुबह और रात को ब्रश करने से दांतों में जमा गंदगी और बैक्टीरिया हटते हैं, जिससे पायरिया नहीं होता।
2. नियमित फ्लॉस करें: फ्लॉस करने से दांतों के बीच फंसी गंदगी और प्लाक निकल जाती है, जिससे मसूड़ों को नुकसान नहीं होता।
3. माउथवॉश का इस्तेमाल करें: माउथवॉश में बैक्टीरिया मारने वाले तत्व होते हैं जो मुंह को साफ रखते हैं और पायरिया से बचाते हैं।
4. दांतों की नियमित जांच कराएं: हर 6 महीने में एक बार दांतों के डॉक्टर से जांच कराना चाहिए, ताकि समय रहते कोई समस्या पकड़ में आ जाए।
5. पायरिया वाला टूथपेस्ट इस्तेमाल करें: ऐसे खास टूथपेस्ट मिलते हैं जो मसूड़े मजबूत करते हैं और पायरिया को बढ़ने से रोकते हैं।
पायरिया 50 घरेलू नुस्खे और उपाय आप के लिए
1. नीम: नीम के पत्तों का पेस्ट मसूड़ों पर लगाएं या नीम की दातून से मसूड़े साफ करें। यह बैक्टीरिया को मारता है।
2. हल्दी: हल्दी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। इसे सरसों के तेल में मिलाकर मसूड़ों पर मलें।
3. लौंग: लौंग का तेल मसूड़ों पर लगाने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है। यह बैक्टीरिया को भी खत्म करता है।
4. फिटकरी: भुनी हुई फिटकरी का पाउडर मसूड़ों पर लगाने से खून आना और सूजन कम होती है।
5. तुलसी: तुलसी के पत्ते चबाएं या उसके पानी से कुल्ला करें। ये मसूड़ों को साफ और मजबूत करता है।
6. नींबू: नींबू का रस मसूड़ों पर लगाएं। इससे खून आना और दर्द कम होता है।
7. पालक: पालक और गाजर का रस मिलाकर पीने से मसूड़े मजबूत होते हैं और पायरिया में राहत मिलती है।
8. त्रिफला चूर्ण: त्रिफला पाउडर को पानी में मिलाकर कुल्ला करें। ये मुंह की सफाई करता है।
9. बबूल की दातून: बबूल की टहनी से रोज दांत साफ करने से पायरिया में फायदा होता है।
10. अमरूद के पत्ते: अमरूद के पत्ते चबाएं या उसके पानी से कुल्ला करें। यह बैक्टीरिया को मारता है।
11. सरसों का तेल: हल्दी के साथ सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करें।
12. अजवाइन: अजवाइन को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करें। यह कीटाणु खत्म करता है।
13. नारियल तेल: ऑयल पुलिंग के लिए नारियल तेल मुंह में घुमाएं। ये बैक्टीरिया हटाता है।
14. नमक पानी: गर्म पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करें। सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
15. दालचीनी: दालचीनी पानी में उबालकर कुल्ला करें। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
16. लहसुन: लहसुन में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। लहसुन की एक कली चबाना फायदेमंद है।
17. सौंफ: सौंफ चबाने से मुंह की बदबू दूर होती है और मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं।
18. मेथी के दाने: मेथी उबालकर पानी से कुल्ला करने से सूजन में राहत मिलती है।
19. दही: दही खाने से अच्छे बैक्टीरिया मिलते हैं जो मुंह को स्वस्थ रखते हैं।
20. घी और कपूर: थोड़ा कपूर घी में मिलाकर मसूड़ों पर लगाएं। ये ठंडक देता है और दर्द कम करता है।
21. हरड़: हरड़ पाउडर से कुल्ला करने से मसूड़ों की सफाई होती है।
22. अनार के छिलके: अनार के छिलके उबालकर उस पानी से कुल्ला करें। यह बैक्टीरिया खत्म करता है।
23. आम की गुठली: इसका चूर्ण बनाकर मसूड़ों पर लगाएं। पायरिया में फायदा होता है।
24. नीम का तेल: नीम का तेल मसूड़ों पर लगाने से इंफेक्शन कम होता है।
25. जायफल: जायफल पाउडर को शहद में मिलाकर मसूड़ों पर लगाएं।
26. कपूर: कपूर और सरसों का तेल मिलाकर मालिश करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
27. शहद: शुद्ध शहद को हल्का मसूड़ों पर लगाएं, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
28. अदरक: अदरक का रस मसूड़ों पर लगाने से सूजन में राहत मिलती है।
29. गुड़हल के फूल: फूलों को पीसकर मसूड़ों पर लगाने से सूजन कम होती है।
30. चाय की पत्तियां: गुनगुनी चाय से कुल्ला करने से बैक्टीरिया कम होता है।
31. हरसिंगार के पत्ते: पत्तों का रस मसूड़ों पर लगाने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है।
32. मूली: मूली का रस मसूड़ों को मजबूत करता है। इसे पीना फायदेमंद है।
33. हिंग: पानी में हिंग घोलकर कुल्ला करें, यह मसूड़ों को आराम देता है।
34. करेला: करेले का रस मसूड़ों पर लगाने से पायरिया में आराम मिलता है।
35. एलोवेरा: एलोवेरा जेल मसूड़ों पर लगाने से ठंडक मिलती है और सूजन घटती है।
36. बेकिंग सोडा: बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर ब्रश करने से बैक्टीरिया हटते हैं।
37. सेंधा नमक: सेंधा नमक और सरसों के तेल का पेस्ट मसूड़ों पर लगाएं।
38. पुदीना: पुदीने की पत्तियां चबाना या उसका पानी से कुल्ला करना लाभकारी है।
39. बेल पत्र: बेल पत्र का रस मसूड़ों पर लगाने से संक्रमण में राहत मिलती है।
40. हरी धनिया: हरी धनिया चबाने से मुंह की सफाई होती है और बदबू कम होती है।
41. जामुन की छाल: छाल को उबालकर उसके पानी से कुल्ला करें।
42. सागवान की छाल: इसे उबालकर कुल्ला करने से पायरिया में आराम मिलता है।
43. काली मिर्च: काली मिर्च और नमक को मिलाकर मसूड़ों पर रगड़ें।
44. मुनक्का: मुनक्का को दूध में उबालकर खाएं, यह मसूड़ों को पोषण देता है।
45. दही-लहसुन: लहसुन को दही में मिलाकर खाने से मुंह के बैक्टीरिया कम होते हैं।
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डिस्क्लेमर:
पायरिया (पेरियोडोंटाइटिस) मसूड़ों का एक गंभीर संक्रमण है, जो समय के साथ मसूड़ों और जबड़े की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है।
यह बीमारी आम है लेकिन इसे रोका जा सकता है। इसका मुख्य कारण खराब मौखिक स्वच्छता (दाँतों की सही सफाई न होना) है।
पायरिया से दांत कमजोर होकर गिर सकते हैं, और यह दिल और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है।
इसके लक्षणों में मसूड़ों की सूजन, लालपन, दर्द और खून आना शामिल हैं।
इलाज में मसूड़ों की गहराई से सफाई (स्केलिंग), डॉक्टर की देखरेख में इलाज और ज़रूरत पड़ने पर सर्जरी शामिल होती है।
महत्वपूर्ण: घरेलू उपाय केवल शुरुआती लक्षणों में सहायक हो सकते हैं, लेकिन गंभीर स्थिति में तुरंत दंत चिकित्सक से संपर्क करें।